उद्देश्य

निगम के संस्था ज्ञापन के अनुसार इसके प्रमुख उद्देश्य हैं:-

  • सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों की आर्थिक विकास गतिविधियों को प्रोत्साहन देना ।
  • सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों के लाभ और/अथवा पुनरूत्थान के लिए स्व-रोजगार उद्यमों को प्रोत्साहन देना ।
  • राज्य अनुसूचित जाति विकास/वित्त निगम अथवा राज्य सरकार या संघ शासित क्षेत्र द्वारा नामित चैनल अभिकरण, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से तथा सरकार द्वारा समय समय पर दिए गए निर्देशों के अधीन सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों को, व्यक्तिगत रूप से या समूहों में, आर्थिक और वित्तीय रूप से व्यावहारिक आय जनन योजना तथा परियोजनाओं   के लिए अनुदानों, सब्सिडी, ऋणों अथवा अग्रिमों द्वारा सहायता प्रदान करना ।
  • भारत सरकार अथवा राज्य/संघ शासित क्षेत्रों की सरकारों के मंत्रालयों अथवा विभागों के साथ सहयोग में उनके संबंधित कार्यक्रमों के तहत सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों को रियायती वित्त मंजूर करना ।
  • सफाई कर्मचारी/स्वच्छ्कारों समुदाय के विद्यार्थियों को व्यवसायिक अथवा तकनीकी शिक्षा के लिए ऋण प्रदान करना ।
  • स्वछता कार्यों के निष्पादन हेतु प्रशिक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, प्रौद्योगिकी समुन्नतन और सामान्य सुविधा केन्द्रों  को प्रोत्साहन प्रदान करना।
  • सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों के विकास से जुड़े राज्य स्तर के संगठनों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने और वाणिज्यिक निधीयन अथवा पुनरवित्तपोषण द्वारा सहायता प्रदान करना ।
  • राज्य सरकारों/संघ शासित प्रशासनों द्वारा सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों के आर्थिक विकास हेतु सहायता के लिए गठित सभी निगमों, बोर्डों के कार्य के समन्वय तथा निगरानी के लिए शीर्ष संस्था के तौर पर कार्य करना ।
  • सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों के आर्थिक विकास के लिए सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में मदद करना ।
  • सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों के समुदाय से संबंधित व्यक्तियों अथवा उनके आश्रितों के तकनीकी और उद्यमिता कौशल के समुन्नतन हेतु सहायता प्रदान करना ताकि उनके द्वारा स्थापित उत्पादन और सेवा यूनिटों का समुचित एवं कुशल प्रबंधन  किया  जा सके अथवा रोजगार के अवसरों की तलाश की जा सके ।
  • सफाई कर्मचारी/स्वच्छ्कारों समुदाय के स्व-नियोजित व्यक्तियों अथवा व्यक्ति समूहों और उनके आश्रितों को अथवा उनके द्वारा स्थापित इकाइयों/को-आपरेटिव्स को कच्चा माल प्राप्त करने तथा उत्पाद व तैयार माल अथवा सेवाओं के विपणन में सहायता करना।